
12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 के क्रैश के बाद, फ्यूल में गड़बड़ी को संभावित कारण माना जा रहा था। लेकिन विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की शुरुआती रिपोर्ट ने इस आशंका को खारिज कर दिया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि फ्यूल टैंकों से लिए गए नमूने “संतोषजनक” पाए गए हैं। इससे इंजन फेलियर के पीछे फ्यूल-क्वालिटी की भूमिका संदिग्ध हो जाती है।
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एपीयू और विंग वॉल्व से भी लिए गए नमूने
एएआईबी ने बाईं विंग के refuelling/jettison वॉल्व और APU फ़िल्टर से भी थोड़ी मात्रा में सैंपल लिए, जिन्हें अब अत्याधुनिक लैब में जांचा जाएगा। यह दिखाता है कि रिपोर्ट वैज्ञानिक और तकनीकी आधार पर तैयार की गई है।
पायलट और क्रू फिट थे उड़ान के लिए
रिपोर्ट के अनुसार, दोनों पायलटों और क्रू का ब्रीथ एनालाइज़र टेस्ट किया गया था और वे पूरी तरह से फिट पाए गए थे। उन्हें पर्याप्त आराम भी मिला था, यानी मानवीय चूक की आशंका अभी तक सामने नहीं आई है।
अमेरिकी एक्सपर्ट्स ने की भारत की तारीफ
NTSB (अमेरिकी नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड) के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर पीटर गोएल्ज़ ने कहा कि “भारत ने एक हाई-प्रोफाइल हादसे की विस्तृत और पारदर्शी प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार की है, जो काबिल-ए-तारीफ है।”
बोइंग और एयर इंडिया का बयान
बोइंग ने घटना पर गहरा दुख जताते हुए कहा कि वह प्रभावित परिवारों के साथ खड़ा है। एयर इंडिया ने भी जांच में पूरा सहयोग देने की बात कही और फिलहाल किसी विशेष विवरण पर टिप्पणी करने से इनकार किया है।
हादसे से लेकर जांच तक की टाइमलाइन
तारीख | घटना |
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12 जून | फ्लाइट टेक-ऑफ के 30 सेकंड के भीतर क्रैश, 260 मौतें |
13 जून | जांच शुरू, ब्लैक बॉक्स बरामद |
16 जून | दूसरा ब्लैक बॉक्स मिला |
24 जून | ब्लैक बॉक्स दिल्ली भेजे गए |
25 जून | डेटा रिकवरी सफल, विश्लेषण शुरू |
क्या है अगला कदम?
AAIB अब ब्लैक बॉक्स डेटा और अन्य तकनीकी नमूनों की गहराई से जांच कर रही है। फाइनल रिपोर्ट में वास्तविक कारणों पर रोशनी डाली जाएगी। तब तक कई और तकनीकी और ऑपरेशनल पहलुओं पर अध्ययन चल रहा है।